Monday, December 17, 2018

विराट कोहली पर भड़के नसीरुद्दीन शाह, कहा- 'दुनिया का सबसे बुरा व्य

भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली अपने खेल के साथ-साथ अपने बिहेवियर को लेकर भी काफी सुर्खियों में रहते हैं। पिछले कुछ दिनों पहले ही विराट एक फैन को भारत छोड़ने के लिए बोलकर ट्रोल हो गए थे और अब एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने उनको लेकर एक बड़ा कमेंट कर दिया है।
दरअसल, नसीरुद्दीन ने विराट को लेकर सोशल मीडिया पर लिखा, भारतीय कप्तान विराट कोहली न सिर्फ दुनिया के बेस्ट खिलाड़ी हैं बल्कि दुनिया के सबसे खराब बिहेवियर वाले खिलाड़ी भी हैं। उनके इस अहंकार और खराब बिहेवियर की वजह से उनकी क्रिकेटिंग उपलब्धि कम होती है और मेरा भारत छोड़ने का कोई भी इरादा नहीं है।
नसीरुद्दीन के इस पोस्ट पर उन्हें मिक्स रिस्पॉन्स मिल रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि नसीरुद्दीन को ऐसा नहीं कहना चाहिए तो कुछ लोग उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं।
फैन को क्यों बोला भारत छोड़ो
बता दें कि विराट ने ये कमेंट एक वीडियो के दौरान कहा था जब वो सभी फैन्स के कमेंट्स का जवाब दे रहे थे। एक फैन ने जब ये कमेंट किया कि मौजूदा भारतीय प्लेयर्स से ज्यादा उन्हें इंग्लिस खिलाड़ी पसंद है तो विराट ने उस फैन को कहा था कि अगर उन्हें वहां के खिलाड़ी ज्यादा पसंद है तो उन्हें भारत छोड़ना चाहिए। विराट के इस कमेंट के बाद उन्हें बहुत ट्रोल किया गया था। फैन्स का कहना था कि उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था।
कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की भर्ती परीक्षाएं जनवरी से शुरू हो जाएंगी। आयोग ने ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली एजेंसी का चयन कर लिया है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक तौर पर घोषणा नहीं की गई है पर चर्चा है कि आयोग ने परीक्षा कराने का जिम्मा टाटा कंस्लटेंसी सर्विस (टीसीएस) को सौंपा है।
नई एजेंसी ऑनलाइन परीक्षा की शुरुआत ऐसी परीक्षाओं से कर रही है, जिसमें परीक्षार्थियों की संख्या कम होती है। इसी के तहत 13 जनवरी को जूनियर हिंदी ट्रांसलेटर, जूनियर ट्रांसलेटर, सीनियर हिंदी ट्रांसलेटर और हिंदी प्राध्यापक परीक्षा 2018 से होगी। इसके बाद सलेक्शन पोस्ट की ऑनलाइन परीक्षाएं 16 से 18 जनवरी तक आयोजित की जाएंगी। सलेक्शन पोस्ट परीक्षा में भी अभ्यर्थी काफी कम होते हैं। इन दोनों परीक्षाओं के सफल आयोजन के बाद पांच से सात फरवरी तक आयोग की अन्य परीक्षाओं की अपेक्षा कम परीक्षार्थियों की संख्या वाली स्टोनोग्राफर ग्रेड सी एण्ड डी 2018 परीक्षा कराई जाएगी। आयोग की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि एसआई इन दिल्ली पुलिस, सीएपीएफ एंड एएसआई इन सीआईएसएफ 2018 तथा सीएपीएफ, एनआईए, एसएसएफ की सिपाही भर्ती 2018 की ऑनलाइन परीक्षा की तिथियां जल्द घोषित की जाएंगी। एसएससी की ऑनलाइन परीक्षाएं कराने का जिम्मा जिस एजेंसी के पास था, उसे लेकर इस वर्ष के प्रारंभ में हुई सीजीएल 2017 परीक्षा के दौरान काफी विवाद हुआ। प्रश्न आउट होने सहित अन्य अनियमितता की शिकायतों के बाद एजेंसी की शुचिता को लेकर कई गंभीर सवाल उठे। प्रश्न लीक होने का मामला न्यायालय पहुंच गया। लिहाजा आयोग ने एजेंसी को हटा दिया। इस वजह से जुलाई से ही आयोग की परीक्षाएं नहीं हो रही थीं। आयोग ने टेंडर निकाल तमाम प्रक्रिया से गुजरने के बाद नई एजेंसी का चयन किया है। जो अब एसएससी की परीक्षाएं आयोजित करेगी।

Monday, December 3, 2018

إيضاح من عضو قيادة الحزب الشيوعي العراقي

الأخوة الأعزاء في تحرير موقع بغداد اليوم
تحية حارة
ورد على موقعكم تصريح منسوب لي وفي حديث خاص صدر اليوم الجمعة المصادف 30/11/2018 تحت عنوان (سائرون: الحكومة ملزمة بتطبيق العقوبات الامريكية على طهران).
وهنا اؤكد انني اليوم لم التق باي مندوب عن موقعكم، ولم ادل بأي تصريح خلال الاسبوع الماضي حول العقوبات الامريكية على ايران وتداعياتها، ولهذا استغرب من نشر هذا التلفيق الذي لا اساس له من الصحة.
فأرجو التحقق من مندوبكم والاستفسار منه، ونشر نتائجه عبر الموقع، توخيا للدقة والموضوعية، والالتزام بقول الحقيقة عند نقل الاحاديث والتصريحات.

د. علي مهدي
بغدادقال رئيس تجمع "كفى"، النائب السابق رحيم الدراجي، الاحد (2 كانون الأول 2018)، إن قانون العفو العام شرعته الكتل السياسية الحاكمة من أجل انقاذ رجالها "السراق والمجرمين والمزورين".

وقال الدراجي في حديث لـ (بغداد اليوم)، إن "شمول وزير التجارة الاسبق عبد الفلاح السوداني بقانون العفو العام ليس بغريب أو عجيب، فهذا القانون شرع وفصل للسوادني وغيره من السراق والمجرمين والقتلة والمزورين".

وبين، أن "القوى السياسية الحاكمة فصلت هذا القانون لغرض انقاذ ازلامها السراق، ووضعت لهم القانون كمنقذ من السجون او المحاكمة".

وبين، أنه "ليس ببعيد شمول السوادني بعفو جديد، بالقضايا الأخرى التي يواجهها".

وكان مصدر مطلع قال في حديث لـ (بغداد اليوم)، الاحد (2 (كانون الأول 2018)، إن وزير التجارة الاسبق "المدان"، عبد الفلاح السوداني لن يطلق سراحه رغم شموله بقانون العفو العام.

وذكر المصدر في حديث لـ (بغداد اليوم)، أن "صفقة الشاي الفاسد، وزيت الطعام منتهي الصلاحية، إثر الخزن في موانئ البصرة وعدم توزيعه خلال فترة الصلاحية ضمن البطاقة التموينية، والتي تعاقدت عليها التجارة بفترة تسنم السوداني لمنصب الوزير، أبرز القضايا التي تمنع خروجه من السجن".

وأضاف المصدر، أن "قضية مادة السكر، والعقود التي تبين الفرق الكبير بين اسعاره الحقيقية واسعار التعاقد، بالإضافة إلى الرز الفاسد، ملفان بارزان آخران يمنعان إطلاق سراحه".

ونشرت بغداد اليوم الاربعاء (28 تشرين الاول 2018)، وثيقة صادرة من اللجنة المركزية الثانية المختصة بنظر قضايا قانون العفو العام، تتضمن الإفراج عن وزير التجارة الاسبق عبد الفلاح السوداني.

وتضمن القرار أنه "لدى التدقيق والمداولة من قبل اللجنة وجد أن المحكوم عليه (عبد الفلاح حسن هادي السوداني) من قبل محكمة جنح الرصافة، وفق احكام المادة (331/ عقوبات)، ولتنازل المشتكين (وزارة التجارة)، ولعدم شموله بقانون العفو السابق، او بقانون خاص وحسب مطالعة الموظف المختص في الحاسبة الخاصة بقوائم المشمولين بالعفو العام السابق في قرص (سي دي)، فقد قررت اللجنة شموله بقانون العفو العام النافذ بتاريخ (25/ 8/ 2016)، المعدل".

وأضافت أنه "تم ايقاف تنفيذ العقوبة بحقه واخلاء سبيله من السجن بقدر تعلق الامر بالدعوى، وإشعار الجهة المودع لديها المحكوم بتنفيذه بعد اكتساب القرار".

Wednesday, November 14, 2018

अपने साथ हुए बलात्कार को छुपाना चाहते हैं रेप पीड़ित?

वो 16 बरस की थी और उसका साथी 40 साल का. लड़की ने ख़ुद को समझाया कि ये रोमांटिक अफ़ेयर है.
लेकिन, जब दोनों साथ होते, तो लड़की का शरीर और दिमाग़ अजीबो-ग़रीब बर्ताव करता.
कई बार लड़की ये सोचती कि वो अपने शरीर से जुदा है.
उसका शरीर जब भी अपने साथी को देखता तो कांपने लगता था. ये कंपकंपी क़रीब आने वाली नहीं, ज़लज़ला आने जैसी थी.
लड़की को ऐसे तजुर्बे पहले नहीं हुए थे.
लेकिन, वो इससे पहले कभी अपने से इतनी ज़्यादा उम्र वाले शख़्स के साथ संबंध में नहीं रही थी.
लड़की ने सोचा शायद वयस्क लोगों के साथ ऐसा ही होता होगा. उसने ख़ुद को समझा लिया और अपने दर्द को परे धकेल दिया.
ये कहानी है अमरीका की रहने वाली मरीसा कोर्बेल की.
मरीसा को ये समझने में दस साल लग गए कि असल में उसका साथी उसके साथ यौन संबंध नहीं बना रहा था, बल्कि उसका बलात्कार कर रहा था.
अब मां बन चुकी कोर्बेल को उस तजुर्बे से पीछा छुड़ाने में कई साल लग गए. मानसिक इलाज कराना पड़ा.
अब वो यौन हिंसा की शिकार लड़कियों की मदद करने वाली वक़ील बन गई है.
आज भी मरीसा कोर्बेल उस तजुर्बे को याद कर के उन लड़कियों का दर्द समझने की कोशिश करती हैं, जिनकी वो मदद करना चाहती हैं.
मरीसा कोर्बेल के लिए वो अनुभव बहुत तकलीफ़देह था.
वैसे, अपने साथ हो रहे बलात्कार से इनकार करने वाली मरीसा कोर्बेल इकलौती महिला नहीं हैं. कई रिसर्च के निचोड़ पर नज़र डालें, तो पता चलता है कि 14 बरस या इससे ज़्यादा उम्र की जो लड़कियां ज़बरदस्ती की शिकार हुईं, उनमें से 60 प्रतिशत ने इसे बलात्कार मानने से इनकार कर दिया.
अक्सर बलात्कार के पीड़ितों को इस बात को ख़ुद को समझाने में काफ़ी वक़्त लग जाता है कि उनके साथ रेप हुआ.
ऐसी घटनाओं के शिकार लोगों को ज़बरदस्त मानसिक आघात लगता है. उन्हें इससे उबरने में ही वक़्त लग जाता है.
इंग्लैंड में बलात्कार पीड़ितों की मदद के लिए चलाई जाने वाली संस्था रेप क्राइसिस इंग्लैंड में मदद मांगने के लिए पहुंचने वालों का एनालिसिस बताता है कि 75 फ़ीसद पीड़ित घटना के एक साल या इससे भी ज़्यादा वक़्त के बाद मदद मांगने के लिए पहुंचे.
इस बात की कई मनोवैज्ञानिक और सामाजिक वजहें हैं कि ये लोग इतनी देर से ये एहसास कर पाए कि उनके साथ ज़बरदस्ती हुई है.
बहुत से लोगों को रेप को लेकर ग़लतफ़हमी है. बलात्कार क्या होता है, इसकी हर देश में परिभाषा अलग है.
अमरीका में तो कई राज्यों में ही इस तरह का फ़र्क़ है. अमरीका के मिसौरी राज्य में सहमति से सेक्स की उम्र 14 साल है, तो पड़ोस के इलिनॉय राज्य में ये 17 बरस है.
क़ानूनी ग़लतफ़हमियों के साथ बलात्कार को लेकर अलग-अलग समाज में अलग तरह की धारणाएं भी पीड़ितों को आगे आने का साहस जुटाने से रोकती हैं.
बलात्कार को लेकर आम धारणा है कि एक मर्द किसी अंधेरी गली से गुज़रती लड़की से ज़बरदस्ती करता है.
जब भी कोई यौन हिंसा की घटना इससे इतर होती है, तो लोग उसे बलात्कार कहने से कतराते हैं.
हक़ीक़त ये है कि बलात्कार के आरोपी अक्सर अनजान लोग नहीं, बल्कि जान-पहचान वाले होते हैं.
बलात्कार के वक़्त अक्सर पीड़ित होश खो बैठते हैं, तो वो प्रतिरोध नहीं कर पाते हैं. ये लकवे वाली हालत होती है. इसमें पीड़ितों की सहमति नहीं होती. मगर, उनका विरोध न करना, सहमति मान लिया जाता है.
'अलगाव' भी बलात्कार के दौरान होने वाला तजुर्बा होता है. जब पीड़ितों को ये लगता है कि वो शारीरिक रूप से बलात्कार से बच नहीं सकते, तो वो ज़हनी तौर पर ख़ुद के शरीर से दूरी बनाने की कोशिश करते हैं. ये मनोवैज्ञानिक रूप से बच निकलना होता है.
इससे वो तकलीफ़ फ़ौरी तौर पर तो कम हो जाती है. मगर फिर पीड़ित उस सदमे से उबर नहीं पाता, या उबरने में वक़्त लेता है. मरीसा कोर्बेल के साथ यही हुआ था. फिर समाज में बलात्कार पीड़ितों को लेकर जो सोच है, उसकी वजह से भी लोग ख़ुद को बलात्कार का पीड़ित बताने से कतराते हैं.

Monday, October 1, 2018

减少能源浪费可以提高中国的空气质量

3月,国务院总理李克强在全国人大发布了本年度政府工作报告。报告强调,提高可再生能源入网效率对重塑中国蓝天有着非常重要的意义。

尽管中国斥巨资发展
可再生能源,总装机居世界首位,但是目前却仍在努力充分享受可再生能源带来的益处。可再生能源本来可以帮助中国减少排放,重现蓝天,但创纪录的弃风弃光率却使得这些资源无法发挥作用,解决这个问题并不容易,但对于改善空气质量非常重要。

弃电不是小问题

之所以出现弃风弃光现象是因为电网无法消纳入网的所有电力。据中国国家能源局统计,
2015年全国平均弃风率为15%。按照同样方法测算,2016年的平均弃风率增长到了17%。

风电装机占全国总装机四分之三的11个省份过去一年的弃风总量高达497亿千瓦时,足以满足整个北京地区半年的用电需求。

2016年,中国西北地区平均弃光率为20%——也就是说,弃光总量高达70亿千瓦时。总体来看,有567亿千瓦时的清洁电力无法并入国家电网,这相当于英国全年发电总量的六分之一。

2016年风能、太阳能产量及弃风弃光量
上述省份均拥有太阳能资源,但是只有西北部几个省份有太阳能光伏生产和弃光率数据。数据来源:国家能源局

但是,整体弃风弃光率并不能说明全部问题,因为有些省份的弃风弃光率显然要比整体水平高得多。

弃风弃光现象在光照充足、风力充沛的中国西北部地区最为明显。2016年,甘肃弃风弃光率为40%, 而新疆则为37%。甘肃、新疆和内蒙古是中国风能与太阳能装机容量最高的地区,新能源在能源生产中所占的比重也较大。
为了正确客观看待中国的弃风弃光问题,我们可以将其与美国、欧洲地区的情况进行比较。欧美地区的弃风弃光率一般在0-5%之间,即便在可再生能源占比较高的国家也是如此。从经济的角度来说,一定程度的弃风弃光可以保证整个电网的稳定,同时也可使可再生能源在电力生产中占有较高比例。

攻克弃风弃光提上日程

中国政府意识到,弃风弃光是实现绿色、可持续能源系统转型的一大阻碍。

2015年发布的一份
文件为电力产业的改革指明了方向,其中突出强调了要采取措施,提高国家电网调度能力和扩大跨省电力交易,减少能源浪费。

去年发布的一系列政策文件希望通过可再生能源发电优先上网,限发电量补偿机制等措施进一步减少弃风弃光现象。然而,目前上述措施的细节尚未出台,落实也仍需时日。

2016年11月,国家能源局发布了国家能源“十三五”规划。规划指出,要将弃风弃光率控制在合理水平,也就是5%以内,但是并未明确短期内采取的具体措施。

弃风弃光与空气治理

解决弃风弃光问题之所以重要,不仅仅是因为能提高整个电网的运行效率,同时也有助于可再生能源替代煤炭等高污染的能源形式。如今,空气污染已经成为困扰全中国的严重问题,
弃风弃光率较高的地区也是如此。

2015年,中国所有省份均未达到世界卫生组织《环境(室内)空气质量与健康》中设定的PM2.5浓度标准,而其中大多数省份甚至距离中国相对宽松的本土环保要求都有着不小的差距。

所以说,全面提高现有可再生能源的利用率对提高空气质量的作用不容小视。

甘肃、新疆和内蒙古是中国弃风弃光率最高的三个地区。粗略统计显示,上述省份未能消纳的可再生能源相当于2016年中国额外挖掘、运输和燃烧了1320万吨的煤炭。

将弃风弃光率控制在5%甚至更低水平将大幅削减煤炭燃烧带来的环境污染。
据健康效益研究所调查,2013年中国有8.7万人因为煤电导致的污染而过早死亡。所以,采用已有的技术设备,即便所减少的污染只占整体污染物总量的一小部分,每年也可以避免数百例过早死亡。

各省电力产量乘以相应地区的排放因子就得出大体的减排量 。这一估算方法考虑了“十五”和“十一五”规划时期为了降低电厂颗粒物污染和二氧化硫排放所采取的一系列措施,但并未考虑“十二五”规划(2011-2015年)期间针对一氧化氮和二氧化氮等致霾氮氧化物采取的管控措施。
可再生能源在中国能源结构中所占的比重将日益突出。因此,电网能否更好地消纳这些能源将变得愈加重要。

未来几年,中国计划实现风电发电量占比翻番,达到6%。到2020年,风能和太阳能发电总量占比将达到8%。

但是可再生能源对空气质量的影响取决于决策机构为了实现到2020年将弃风弃光率降低到5%以下的目标所采取的计划和行动。

中国在提高空气质量方面已经取得了一些进步,城市空气污染物浓度也已经呈现了下降态势。

按照
现有的改善速度来看,要想达到世界卫生组织的空气 .5 浓度标准,甘肃省省会兰州可能需要23年,新疆维吾尔自治区首府乌鲁木齐需要30年,而内蒙古自治区首府呼和浩特需要12年。

降低弃风弃光率将有助于加快上述进程。如果想要实现空气污染治理目标,重塑昔日蓝天白云的美好景象,确保风能和太阳能等可再生能源能够有效并网才是关键。

Tuesday, September 25, 2018

गणेशजी की प्रतिमाओं को जेसीबी से टुकड़े-टुकड़े किया

दस दिनों तक विधि-विधान से पूजा करने के बाद रविवार को यहां के कृत्रिम तालाबों और साबरमती नदी में गणेश विसर्जन किया गया। विसर्जन के बाद जिस प्रकार भगवान गणेश की मूर्तियों की दुर्दशा दिखाई दी, इससे यही लगता है कि मूर्तियां स्थापित कर घर में विसर्जित किए होते तो यह स्थिति नहीं होती। कई जगह गणेश की मूर्तियों को जेसीबी और क्रेन से तोड़ा गया। सोमवार को डंपरों ने शहर में 184 फेरे लगा कर मूर्तियों के 527 टन मलबे का डपिंग ग्राउंड में डाला। 

लोगों का जागरूक होना जरूरी: एक जेसीबी ड्राइवर ने बताया कि हमारी भावनाएं भी आहत होती हैं, लोग घर में ही विसर्जन करें। इससे हमारा काम बढ़ जाता है। शहर से कचरा हटाने का काम पूरी तरह से ठप हो जाता है। लोगों को समझना होगा। मूर्तियों को इस प्रकार डंपर में भरकर डंपिंग साइट पर डालना हमें भी अच्छा नहीं लगता है, पर क्या करें? यह तो नौकरी है।

जिम्मेदारों पर उचित कार्रवाई करेंगे: अहमदाबाद की महापौर बीजल पटेल ने कहा कि मुझे नहीं पता किसके निर्देश पर ऐसा हुआ है। हां, मैं स्वीकार करती हूं कि ऐसा नहीं होना चाहिए। मुद्दा श्रद्धा का है। इसलिए धार्मिक भावनाओं का आहत होना स्वाभाविक है। हम जांच कर जिम्मेदारों पर उचित कार्रवाई करेंगे।

भास्कर ने चलाया अभियान: दैनिक भास्कर समूह कई वर्षों से 'मिट्टी के गणेश-घर में ही विसर्जन' अभियान चला रहा है। इसका मूल उद्देश्य यही है कि हम अपने तालाब और नदियों को प्रदूषित होने से बचा सकें। इसलिए आप घर या कॉलोनी में कुंड बनाकर विसर्जन करें और उस पवित्र मिट्टी में एक पौधा लगा दें। इससे न सिर्फ ईश्वर का आशीर्वाद, बल्कि उनकी याद भी साल दर साल घर-आंगन में महकती रहेगी। यह पौधा बड़ा होकर पर्यावरण में योगदान देगा। साथ ही घर में नई समृद्ध परंपरा का संचार होगा।

दैनिक भास्कर के अभियान से जुड़ते हुए कई लोगों ने घर में इस बार मिट्टी के गणेश की स्थापना की थी। हमारा मकसद यही था कि हानिकारिक पीओपी की बजाय लोग ईको फ्रेंडली तरीके से मिट्टी के गणेश की प्रतिमा को प्राथमिकता दें।
दुबई. एशिया कप में मंगलवार को भारत और अफगानिस्तान के बीच सुपर-4 का मुकाबला टाई रहा। वनडे में चार साल बाद भारत का कोई मैच टाई हुआ। 2014 में न्यूजीलैंड के खिलाफ ऑकलैंड में ऐसा हुआ था। वहीं, अफगानिस्तान पहली बार कोई मुकाबला टाई कराने में कामयाब रहा। अफगान टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में आठ विकेट पर 252 रन बनाए। जवाब में टीम इंडिया 49.5 ओवर में 252 रन पर ऑल आउट हो गई। अफगानिस्तान के मोहम्मद शहजाद ने 124 रन बनाए। यह उनके करियर का पांचवां शतक है। उन्हें मैच ऑफ द मैच अवॉर्ड दिया गया।